इज्जत आबरू सम्मान के बाजी
आन बान अउरी शान के बाजी
बात जब हमरा देश के आई
लगा देब हमहूँ प्रान के बाजी
जरूरत पड़ल त लागल एहिजा
अहिंसा के पहिला ज्ञान के बाजी
जरूरत पड़ी त शुली पर चढ़ी
लगा दियाई ई जान के बाजी
देश भक्ति हमके इहे सिखावे
लगा दीं घर मकान के बाजी
कहे मेहरिया हमार देश ना झुके
भले गहना दु चार थान के बाजी