गांव अब बदल गइल-जमील मीर

गांव अब बदल गइल, कच्चा मकान लउकत नइखे।
सभके घरे कूलर एसी, बेना केहू हंउकत नइखे।।

खान पान बदल गइल
बिरयानी मे सभे चल गइल

चोखा चटनी बनावे खातिर, भण्टा केहू झंउसत नइखे।
गांव अब बदल गइल, कच्चा मकान लउकत नइखे।।

दुआरे दुआरे खटिया बीछे
कथा कहानी मे रतिया बीते

अब सांच बात इहे बा, केहू के दुआरे केहू बइठत नइखे।
गांव अब बदल गइल, कच्चा मकान लउकत नइखे।।

जमील पईसा के अब बात बा
लाठी भाला के ना औकात बा

थाना मे रपट लिखा जाइ, एही डरे केहू फंउकत नइखे।
गांव अब बदल गइल, कच्चा मकान लउकत नइखे।।

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