जब करीं खूब पढ़ाई बेटी
कुल के मान बढ़ाई बेटी
जरूरत पड़ी त सीमा पर
दुश्मन के धूल चटाई बेटी
बन के दुर्गा, बन के लक्ष्मी
दुशासन के निपटाई बेटी
घर , ससुरा , नईहर सब
फूल नियन महकाई बेटी
कहीं पत्नी,कही माँ-बहिन
हई केतना परछाई बेटी
दुख सुख में अइहेन कामे
मत कहीं हई पराई बेटी