हम बिटिया हईं, हम बिटिया हईं।
हर प्रीत निभावे वाली रीतिया हईं।।
बचपन मे माई बाबू खूब ही खेलवने
अंगुरी पकङ के मेला घुमवने
उनके मे बसल परान के हीचिकीया हईं।
हम बिटिया हईं, हम बिटिया हईं।।
स्कूल जब जाए लगनी
सहेलीयां भेटाए लगलीं
अंगना दुअरवां के मटीया हईं।
हम बिटिया हईं, हम बिटिया हईं।।
स्कूल कालेज छुटल जब
घर के अन्न उठल अब
ससुराल मे पिया के पीरितिया हईं।
हम बिटिया हईं, हम बिटिया हईं।।
कबो बेटी कबो बहिन कबो माई हम बनीलें
आपन रुप देखावे खातिर दुर्गा काली बनीलें
माई बाबू पीया के इज्जतीया हईं।
हम बिटिया हईं, हम बिटिया हईं।।