बेटी हवे आगे बढ़े ई लोग सब कहते रहे-माया शर्मा

बेटी हवे आगे बढ़े ई लोग सब कहते रहे|
बाकिर मिले दुरभागि जब दुरभावना सहते रहे||१||

केहू कहे धन आन के केहू कहे कंजास हऽ,
सगरो सुनत मन में गुनत चुपचाप ऊ रहते रहे|| २||

बदलल तबो अब सोच सब बेटी रहें बेटा नियर,
खेलल-पढ़ल आगे बढ़ल इतिहास ऊ रचते रहे||३||

ऊ धन्य माई-बाप बा बेटी दुलारे आजु जे,
ओके पढ़ावत आ लिखावत राह में बढ़ते रहे||४||

रौशन करे जब नाँव तब फूले समानलें ना पिता,
छलके नयन से लोर बस पाके खुसी हँसते रहे||५||

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