जुग बदलल जमाना बदलल
मेहर के साथें मरदाना बदलल
फरक का पड़ल दारूबंदी से जी
पिये के सिर्फ महेखाना बदलल।
हित नात आ संघाती बदलल
लोभ से धरम जाति बदलल
नया-नचर तकनीक जे आइल
अंतरदेशी के पाती बदलल।
बाप भाई भउजाई बदलल
आपन खुद के लुगाई बदलल
कइसे होखब निरोग ए भाई
डॉक्टर के लिखल दवाई बदलल।
गाँव बदलल गिराँव बदलल
शहर गइला पर नाव बदलल
नस्ल के बीचे अन्तर जब भइल
सोचे बुझे के भाव बदलल।
कपड़ा लाता अउरी भेष बदलल
रोजी-रोटी के चल ते देश बदलल
झूठ किना गइल पइसा से देखीं
कचऽहरी मे दाखिल केस बदलल।
मुखिया वार्ड सरपंच बदलल
मौका पर पंचीत के पंच बदलल
भाषा पर अश्लीलता हाबी भइल
भोजपुरी के रंगमंच बदलल।