back to top

धन पऽ ढेर धधाईं मत-दीपक सिंह ‘निकुम्भ’

पढ़ल जाव

‘द गेस्ट रूम’ मे मिलिए भोजपुरी कवि नूरैन अंसारी से

'द गेस्ट रूम' कार्यक्र्म का पहला एपिसोड 21 फरवरी...

जनता का फैसला स्वीकार, बीजेपी को बधाई – अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली...

26 जनवरी के सम्पन्न भइल भोजपुरी माटी कवि सम्मेलन

26 जनवरी गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर 'पुरवइया...

रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामा-अशोक द्विवेदी

रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामा उनुका से कहि दऽ। रस देखि...

धन पऽ ढेर धधाईं मत,
तरक्की पऽ उतराईं मत।।

समाज में रावा रहे सिखीं,
इज्ज़त आपन गँवाई मत।।

समय के हाल केहू ना बूझे,
केहू के खिल्ली उड़ाईं मत।।

जे बड़ बा उ कबो बड़े रही,
झूठो के एँड़ी अलगाईं मत।।

जहाँ भाव मिले उँहे जाईं ,
बिना अंगेया के खाईं मत।।

भाषा चरित्र के परिभाषा हऽ,
कुल के इज्ज़त डूबाईं मत।।

ग़लती होखल आम बात बा,
एक्के गलती दोहराईं मत ।।

व्यवहार के आपन ठीक करीं,
रोज नया दुश्मन बनाईं मत।।

भरोसा जीतल जिम्मेदारी होला,
फायदा एकर —उठाईं मत ।।

सब कमाईंल एइजे रह जाला,
माटी के तन पऽ अगराईं मत।।

नेह के दीयरी जरत रहे दीं,
फूँक के अपने बुताईं मत।।

हम पीर आपन बतलाई केसे-तबारक अंसारी

नीर भरल बा, नयनन मे,हम पीर आपन बतलाई केसे, जब...

इंसानियत के पाठ पढ़ावेलन बाबूजी – दीपक सिंह ‘निकुम्भ’

अँखियाँ से लोरवा हटा देवेलन बाबूजी,हमार दुखवा आपन बना...

ढेर सांच के माटी में सनल ठीक नइखे-रिशु कुमार गुप्ता

ढेर सांच के माटी में सनल ठीक नइखे,ई झूठ...

सुझाया गया

दिल लगावे ना आवेला उनका – मनोज भावुक

दिल चुरावे ना आवेला उनका गुल खिलावे ना आवेला उनका बात...

ढेर सांच के माटी में सनल ठीक नइखे-रिशु कुमार गुप्ता

ढेर सांच के माटी में सनल ठीक नइखे,ई झूठ...

जुग बदलल जमाना बदलल – शम्श जमील

जुग बदलल जमाना बदलल मेहर के...

मनई बाऽ मनई के दुश्मन – राम अचल पटेल

मनई बाऽ मनई के दुश्मन यानी.. मनई के तरे...

साँच कहीं तऽ आँच लगेला – राम अचल पटेल

साँच कहीं तऽ आँच लगेला एंह दुनिया के झूठ...