नीर भरल बा, नयनन मे,
हम पीर आपन बतलाई केसे,
जब तीर चलावे अपने लोगवा,
त, जखम आपन देखलाई केसे,
जबले रहल रस जिनगी मे,
लोग गन्ना नियर गार लिहल,
फेर खोईया समझ के हमारा के
गुलउर मे डाल के जार लिहल,
ख़ाक हो गईल तकदीर हमार,
हम गीत खुशी के गाई कईसे,
नीर भरल बा नयनन मे,
हम पीर आपन बतलाई केसे