प्यार में हमके पागल बना देहलस केहू – ग़ज़ल – कलामुद्दीन कमली

आंख हमसे लड़ा के चोरा लेहलस केहू
प्यार में हमके पागल बना देहलस केहू

चार दिन के अंजोरिया में खूब चहका के
फिर अंहरिया में हमके गिरा देहलस केहू

बहुत मुश्किल होता जियल उनका बिन
दिल में अइसन आग लगा देहलस केहू

बाबू सोना कहला पर पिघल गइनी हम
जादू टोना ई क‌ईसन चला देहलस केहू

वादा रहे उमर भर ला साथ देवे के
हाथ दोसरा के तबो थमा देहलस केहू

केतना दिन मोहब्बत में साथे बिता के
पलभर में हमारा के भुला देहलस केहू

अब ना कमली कबों फिर इश्क होई
जीनगी भर ला सबक सिखा देहलस केहू

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