आदमी ना तनी लाचार रहित-शम्श जमील

रोजी आ रोजगार जे रहित
आदमी ना तनी लाचार रहित

काश अपना बिहार मे भी
जिये के कवनो आधार रहित

दिल्ली बम्बे से टूटित नाता
गाँव के नौकरी हमार रहित

दू साल खातिर सउदी मे जाके
ना रहे के एहिजा करार रहित

परदेस के तब लकम धरित ना
ई देंहया ना कबो बेमार रहित

साँझी खां केहू बाट जोहत
दुवारी पर आके ठार रहित

जात धरम से उपर आज
तनिमुनी आपन बिहार रहित

खिलित चेहरा अपनो ए भाई
जिन्दा अगर सरकार रहित

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