आगे गोड़ बढ़ावऽ लोग।
सबका के समझावऽ लोग।
चिंता छोड़ऽ दहेज के पहिले,
बेटी खूब पढ़ावऽ लोग।
बेटी पढ़ी तऽ नाम हो जायी।
सुंदर एगो काम हो जायी।
सफल हो जायी बेटी जहिया,
दहेज के काम तमाम हो जायी।
निमन राहि धरावऽ लोग।
लिंग भेद मेटावऽ लोग।
चिंता छोड़ऽ दहेज के पहिले,
बेटी खूब पढ़ावऽ लोग।
समझऽ बाति बा बड़ी महीन।
बुझिहऽ जनि बेटी के हीन।
खाली तनिक सहारा दे दऽ,
सगरो सपना करी हसीन।
आगे पहिले आवऽ लोग।
भारत नया बनावऽ लोग।
चिंता छोड़ऽ दहेज के पहिले,
बेटी खूब पढ़ावऽ लोग।
पढ़ी लिखी आगे बढ़ि जाई।
बेटी ना कमजोर कहाई।
शिक्षित हो जाई जदि नारी,
शिक्षित सकल समाज बनाई।
लाचारी जनि गावऽ लोग।
हिम्मत तनिक जुटावऽ लोग।
चिंता छोड़ऽ दहेज के पहिले,
बेटी खूब पढ़ावऽ लोग।
बेटी के अबला जनि जानऽ।
दुर्गा काली जइसन मानऽ।
अंतरीक्ष में विचरऽ तीया,
बेटी के क्षमता पहिचानऽ।
सोच समझ बढ़ावऽ लोग।
सोझा अब तऽ आवऽ लोग।
चिंता छोड़ऽ दहेज के पहिले,
बेटी खूब पढ़ावऽ लोग।