जबले होई भोजपुरी के, चर्चा भइया हिंदी में-सन्तोष विश्वकर्मा ‘सूर्य’

जबले होई भोजपुरी के, चर्चा भइया हिंदी में।
भोजपुरी अझुराइल पाइब, ढोढ़ी, चोली, बिंदी में।

जय भोजपुरी, जय भोजपुरी, कइले से ना काम चली।
आपन फर्ज निभावल जाँ तब, भोजपुरी के नाम चली।

जबले नाहीं भोजपुरी में, बोलल आ बतियावल जाई।
भोजपुरी माई की आगे, कवन मुंह देखलावल जाई।

भोजपुरी की नाम प आपन, रोटी सेंकल बंद करीं।
भाषा के पहिचान दियावे , खातिर आईं द्वंद करीं।

संविधान में भोजपुरी के, देखल चाँहऽ तानी रउरा।
एकजूट हो जाईं पहिले, कहना हमरो मानी रउरा।

इहो पढ़ीं

ताज़ा अपडेट्स