संघर्ष के क्षण में सुत रहल बा।
उ एगो बेज़ान बूत रहल बा।
हरावे के प्रयत्न व्यर्थ बा ओके,
जे पहिलहीं से अभिभूत रहल बा।
ढ़ाल ल खुद के ओह साँचा में,
जहवाँ जईसन रुत रहल बा।
उनका से दु कोस दूरे रह,
जे नशा में धुत रहल बा।
बरतिह हमेशा सतर्कता ए “यश”,
जे मुँह से नफ़रत मूत रहल बा।