एगो दीया हवा में जला देले बानी,
अन्हरिया अंजोरिया उगा देले बानी
तू आवऽ ना आवऽ ई मर्जी तहार,
ज़िन्दगी दाँव पर अब लगा देले बानी।
पता ना कि कश्ती किनारा ले जाई,
हम लंगर भँवर में उठा देले बानी।
केहु साथ दी, केहु छोड़ दीं भँवर में,
हम ई बात दिल के बता देले बानी।
जे आपन होई, उ लौट के आई ज़रूर,
हम दरवाज़ा चुपचाप सटा देले बानी।
“नूरैन” हँसनी, मगर आँख रोवत रहे,
हम सब रस्म प्रीत के निभा देले बानी।