मोबाइल सोझा नकारा बन गइल बा
आदमी अब बेचारा बन गइल बा
पहुंना हित नात साथी संघाती
मोबाइले अब सहारा बन गइल बा
ओकरे हिसाब से खिलेला दुनिया
उहे गर्मी आ जाड़ा बन गइल बा
गरम भा ठंडा महसूस करावे
थर्मामीटर के पारा बन गइल बा
दिन रात बस रही निहारत
ई आंख के तारा बन गइल बा
पातर छीतर मोटापा बा थमले
ई काजू आ छुआरा बन गइल बा
इज्जत आ मर्यादा मोबाइल में
ई पतलून के नाड़ा बन गइल बा
बैंक बनल एटीएम बनल
ई टैक्सी के भाड़ा बन गइल बा
लइकन खातिर ई आंगनबाड़ी
ए बी सी डी पहाड़ा बन गइल बा
स्कूल कॉलेज से कम नइखे
कापी किताब सारा बन गइल बा
लोगवा देखीं लड़ेला अपने में
फोनवा अब अखाड़ा बन गइल बा