स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर आयोजित माटी कवि सम्मेलन-3 बेहद शानदार और यादगार रहल।
एक से बढ़कर एक उम्दा प्रस्तुतियाँ भइलीं, जे अब तक के सबसे बेहतरीन आयोजन बन गइल।
जौहर सर के आशीर्वाद से शुभारंभ भइल एह कवि सम्मेलन के सफ़र अंतिम चरम तक जोश से भरल रहल।
शम्स जी के अद्भुत मंच संचालन से कार्यक्रम के रंग लगातार चढ़त रहल।
तबाराक साहब के अग्निवीर पर कविता लाजवाब रहल।
नवहा संजीत बाबू आ हिमांशु जी के मार्मिक कविताएँ सभका के भाव-विभोर कर देलीं।
प्रवासी कवि कलमुद्दीन कमली जी के देशभक्ति रस से मंच गूँज उठल।
मुकेश यादव जी हमेशा की तरह कविता आ गीत से सबके दिल जीत लिहनी, ये प्रोग्राम के सफल आयोजन में उहा के योगदान अनुकरणीय रहल।
चमन देहाती जी के गायकी लाजवाब रहल, जे सबके दिल में खास जगह बना देलस।
अनवर भाई के गायकी भी हमेशा की तरह शानदार रहल।
मातृशक्ति में किरण जी आ शोभा जी के गायकी के त पूछे मत 👌।
किरण जी त ई कार्यक्रम के “मैन ऑफ़ द मैच” रहलिन।
कुछ तकनीकी कारण से हारून राशिद जी ना जुड़ पवनी — एह बात के सबका अफ़सोस रहल।
संतोष जी भी अथक प्रयास के बाद भी जुड़ ना पवनी।
कुल मिलाकर, पुरवईया के बैनर तले, आप सबके प्रेम, स्नेह आ आशीर्वाद से ई कवि सम्मेलन सफल रहल।
सबके हृदय की गहराई से हार्दिक बधाई आ बहुत-बहुत आभार 🙏।
नेह-छोह यूँए बनल रहो।


