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जियरा अपनो जार के देखीं – शम्स जमील

जियरा अपनो जार के देखीं खाली जेब भी झार के देखीं चमकी जिनगी रउवो एकदिन उम्मीद के दिया बार के देखीं होखे जब तर्क...

26 जनवरी के सम्पन्न भइल भोजपुरी माटी कवि सम्मेलन

26 जनवरी गणतन्त्र दिवस के शुभ अवसर पर 'पुरवइया...

गीत

जियरा अपनो जार के देखीं – शम्स जमील

जियरा अपनो जार के देखीं खाली जेब भी झार...

रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामा-अशोक द्विवेदी

रसे-रसे महुवा फुलाइल हो रामा उनुका से कहि दऽ। रस देखि...

गते-गते दिनवाँ ओराइल हो रामा-अशोक द्विवेदी

गते-गते दिनवाँ ओराइल हो रामा रस ना बुझाइल। अँतरा क कोइलर...

हम तोहरा, तूँ हमरा मन में-अशोक द्विवेदी

जब देखीं भितरी दरपन में तूँ लउकेलऽ, हमरा जगहा हम तोहरा,...

बात सबका दिल के कही पुरवइया

धीरे धीरे , सर सर बही पुरवइया बात...

झर झर बहताटे अखियाँ से लोर-तबारक अंसारी

झर झर बहताटे अखियाँ से लोर,भईल सगरे अन्हारनाही लउके,...

जियरा अपनो जार के देखीं – शम्स जमील

जियरा अपनो जार के देखीं खाली जेब भी झार...

ग़ज़ल

धन पऽ ढेर धधाईं मत-दीपक सिंह ‘निकुम्भ’

धन पऽ ढेर धधाईं मत,तरक्की पऽ उतराईं मत।। समाज में...

इंसानियत के पाठ पढ़ावेलन बाबूजी – दीपक सिंह ‘निकुम्भ’

अँखियाँ से लोरवा हटा देवेलन बाबूजी,हमार दुखवा आपन बना...

ढेर सांच के माटी में सनल ठीक नइखे-रिशु कुमार गुप्ता

ढेर सांच के माटी में सनल ठीक नइखे,ई झूठ...

जाल में अईसन अझुरऽइनी ए जिनगी – दीपक सिंह ‘निकुम्भ’

दुख देखी-देखी अगुतऽइनी ए जिनगी, जाल में अईसन अझुरऽइनी ए...

नेह के गगरी ढाँरी जी – नूरैन अंसारी

द्वेष - घृणा हारी जी प्रेम बाजी मारी...

संसार के बाजार में – रिशु कुमार गुप्ता

संसार के बाजार में ए मनई का का बेचाता? सांच बेचाता...

शोज़

धन पऽ ढेर धधाईं मत-दीपक सिंह ‘निकुम्भ’

धन पऽ ढेर धधाईं मत,तरक्की पऽ उतराईं मत।। समाज में...

इंसानियत के पाठ पढ़ावेलन बाबूजी – दीपक सिंह ‘निकुम्भ’

अँखियाँ से लोरवा हटा देवेलन बाबूजी,हमार दुखवा आपन बना...

समीक्षा

सुनी सभे

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